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प्रेगनेंसी कब से मानी जाती है। प्रेगनेंसी में पेट कब निकलता है। 5 month pregnancy symptoms in hindi.

प्रेगनेंसी कब से मानी जाती है। प्रेगनेंसी में पेट कब निकलता है। 5 month pregnancy symptoms in hindi.

प्रेगनेंसी कब से मानी जाती है। प्रेगनेंसी में पेट कब निकलता है। गर्भ कितने दिन का है कैसे पता करें कि। गर्भधारण कितने दिन में पता चलता है। प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल। बच्चा पैदा करने के लिए कितने दिन करना पड़ता है। 5 month pregnancy symptoms in hindi. pregnant kb hote h.

प्रेगनेंसी कब से मानी जाती है।

प्रेगनेंसी (pregnancy) कब से मानी जाती है। इसके बारे में हम आज आपको बताएंगे , क्योंकि कई सारी महिलाओं को इस बात का कंफ्यूज होता है। कि प्रेगनेंसी(pregnancy) कब से मानी जाए। ऐसे में वह कई बार गलत तरीका मान लेते हैं, अपने प्रेगनेंसी(pregnancy) का। इसलिए आज हम आपको प्रेगनेंसी कब से मानी जाती है। इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताएंगे, ताकि आप कोई गलती ना करें। और आप भी यह जान सकें कि प्रेगनेंसी कब से होती है, कितने हफ्तों से होती है। सभी बातों की जानकारी हम आज आपको देंगे। हर औरत जब मां बनती हैं, तो उसको हर एक चीज का विशेष ध्यान रखना होता है, तो चलिए जान लेते हैं!प्रेगनेंसी कब होती है, इसके बारे में विस्तार से जानकारी।

वैसे तो औसत गर्भवास्था कुल 40 हफ्तों (यानि की 280 दिनों) की मानी जाती है। जिसकी शुरुआत आपके अंतिम माहवारी चक्र के पहले दिन से होती है। गर्भावस्था को आमतौर पर भ्रूण आयु विकास के बजाय गर्भधारण अवधि के रूप में किया जाता हैं।

गर्भ कितने दिन का है कैसे पता करें कि।

गर्भ कितने दिन का है कैसे पता करें। डॉक्टर का मानना है, कि आखिरी महीने के पहले दिन से कैलकुलेट करते हैं,कि आप कितने दिन से प्रेगनेंट हैं । जैसे कि आपका आखिरी मासिक चक्र 9 मई को आता है, तो डॉक्टर 9 मई यानी आप की आखिरी मासिक चक्र के पहले दिन से हिसाब लगाते हैं, कि आपके कितने दिन हुए हैं। आज की तारीख 16 जून हैं । तब आप देखती है, की मई में 31 दिन होते हैं। तो यह 21 दिन मई के हो गए और 17 दिन, जून के हो गए और पूरा हिसाब लगाएं तो यह 38 दिन है। अब इन 38 दिनों को आप भाग कर दें , अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपका जो आपकी प्रेगनेंसी के 5 हफ्ते 3 दिन होते हैं, तो आप इस तरीके से अपने प्रेगनेंसी के हफ्ते, दिन व महीनों के बारे में पता लगा सकते हैं। अगर किसी महिला को पीरियड निरंतर होते रहते हैं, और उनको यह पता नहीं चलता कि वह प्रेग्नेंट है, तो डॉक्टर(doctor) की सलाह लें! और डॉक्टर (doctor) द्वारा एक अल्ट्रासाउंड किया जाएगा। जिसकी मदद से डॉक्टर (doctor)आपको बच्चे की ग्रोथ को पहचान कर यह बताएगा, कि बच्चा कितने दिन हफ्ते और महीने का है । इस तरीके से भी आप अपनी प्रेगनेंसी का पता लगा सकते हैं।

गर्भधारण कितने दिन में पता चलता है।

गर्भधारण कितने दिन में पता चलता है । इसके बारे में विस्तार से बताएंगे, अगर कोई महिला गर्भ धारण करती हैं,तो उसके मन में कई सारे सवाल होते हैं। वह जानना चाहती हैं, कि प्रेगनेंसी(pregnancy) हुई या नहीं यानी की प्रेगनेंसी का पता कैसे चलेगा। यह बातें उसके मन में चलती रहती हैं। वह यह भी सोचती है, कि प्रेगनेंसी का पता कितने दिन में चलेगा, तो चलिए जान लेते हैं! प्रेगनेंसी(pregnancy) कितने दिन में पता चलती है। गर्भ ठहरने के बाद हम प्रेगनेंसी(pregnancy) का पता लगा सकते हैं। प्रेगनेंसी(pregnancy) का पता लगाने के कई तरीके हैं। जिनकी मदद से आसानी से प्रेगनेंसी का पता लगा सकते हैं। वैसे भी आजकल मार्केट में कई तरह की प्रेगनेंसी का पता करने के लिए किट उपलब्ध हो चुकी हैं, इस का इस्तेमाल करके आप आसानी से 5 मिनट में घर बैठे है । (prega news) जैसी कई प्रकार की किट उपलब्ध होती हैं, जो पीरियड मिस होने के 7 दिन बाद में आप इस कीट से आसानी से अपने प्रेगनेंसी का पता लगा सकते हैं। इससे पहले आप इससे पता नहीं लगा सकते हैं,कि अगर आप 7 दिन से पहले इस कीट से जांच करती हैं । तो आप की रिपोर्ट में नेगेटिव ही आएगी ।

अगर आप सही से जानना चाहते हैं, तो 7 दिन बाद में आपको जांच करनी चाहिए। आप प्रेगनेंसी की जांच साबुन से भी कर सकती हैं, इसके लिए आप एक साबुन का टुकड़ा ले। उसमें सुबह का यूरिन डालकर 10 मिनट के लिए रख दें। उसके बाद में अगर झाग बनते हैं, तो समझ लेना चाहिए आप प्रेग्नेंट (pregnant)है। अगर झाग नहीं बनते हैं। तो आप प्रेग्नेंट (pregnant)नहीं है, ऐसे कई तरीके हैं। जिनकी मदद से आप आसानी से प्रेगनेंसी का पता लगा सकती हैं। अगर आप इन सब तरीको में असफल हो जाते हो, तो आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हों। यदि आप प्रेगनेंसी (pregnancy) का पता प्रेगनेंसी (pregnancy) किट से नहीं लगाना चाहते हो,तो आप काफी समय तक रुक सकते हो, फिर उस के बाद प्रेगनेंसी(pregnancy) का पता लगाने का दूसरा तरीका प्रेगनेंसी के लक्षण होते हैं । इसके लिए आपको काफी समय का वेट करना होगा । प्रेगनेंसी के लक्षणों के आधार पर प्रेगनेंसी का पता लगाया जा सकता हैं। संभोग बनाने के कम से कम एक से दो सप्ताह बाद आप प्रेग्नेंसी (pregnancy) किट का इस्तेमाल कर सकती है। क्योंकि आपके शरीर में एचसीजी(HCG) हार्मोन का स्राव विकसित होने में समय लगता है। एक अंडे के सफल प्रत्यारोपण के बाद, आमतौर पर इसमें 7 से 12 दिन लगते हैं। आज हमने आपको कुछ ऐसे लक्षण बताएं हैं, जिससे आप यह समझ पाएंगे, कि आप गर्भवती हैं, या नहीं ।

प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल ।

प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल। गर्भावस्था का पता लगाने के लिए प्रेगनेंसी टेस्ट किट सबसे विश्वसनीय होती है। जिसकी मदद से आप आसानी से आप घर बैठे कुछ ही मिनटों में अपनी प्रेग्नेंसी का पता लगा सकती हैं। इसका पता लगाने के लिए आप बाजार से प्रेग्नेंसी टेस्ट किट लेकर आएं और फिर उसका इस्तेमाल करें। ये हर मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। यह उपाय गर्भावस्था का पता लगाने के बुनियादी तरीकों में से एक है।

प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल कैसे करे ।

1) सबसे पहले टेस्ट स्ट्रिप को टेस्ट किट के बाहर निकल लें, वो भी बहुत सावधानी से पकड़कर, फिर किसी साफ जगह पर रख दें।

2) फिर आप सुबह का यूरिन लेकर ड्रॉपर की मदद से यूरिन की 2-3 बूंदें टेस्ट स्ट्रिप के किनारे वाले बिंदु के हिस्से में डालें।

3) 5 मिनट तक प्रतीक्षा करें , और फिर परिणाम की जांच करें।

4) दो गुलाबी रेखाएं हों तो समझ लें, कि आप गर्भवती हैं।

5) अगर एक गुलाबी रेखा है तो समझ ले की आप प्रेग्नेंट नही हैं।

उम्मीद हैं, कि आपको हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई होगी,और आप हमारे द्वारा बताए गए टिप्स फॉलो करके आसानी से प्रेगनेंसी का पता लगा सकते हैं,तो अब आप समझ गए होंगे! की प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चल सकती हैं,कैसे पता चल सकती है। इस बारे में तो दोस्तों आप भी इन सब का इस्तेमाल करके आसानी से घर बैठे अपने प्रेगनेंसी का पता कर सकते हो। वो भी बहुत ही आसानी से।

5 month pregnancy symptoms in hindi.

5 month pregnancy symptoms in hindi. जानना चाहते हैं , तो आज आप सही पोस्ट पर आए हैं। आज हम आपको 5 महीने की pregnancy symptoms के बारे में बताएंगे। क्योंकि कई महिलाओं को अपने बच्चे को लेकर बहुत टेंशन हो जाती हैं। क्योंकि वह अपने बच्चे को लेकर बहुत ही उत्सुक होती हैं। इसलिए आज हम आपको 5 महीने की प्रेगनेंसी में कौन-कौन से सिस्टम्स देखने को मिलते हैं। उनके बारे में बताइए, तो चलिए जान लेते। हैं, इन सब के बारे में।

प्रेग्‍नेंसी के पांचवे महीने में पेट में पल रहे बच्‍चे का विकास काफी तेज होता है। यह सब आपके खानपान और अपनी देखभाल पर भी निर्भर करता है। यह भी ध्‍यान देने की जरूरत है, कि हर बच्‍चे का विकास अपनी गति से होता है। इस बात को लेकर आप को परेशान नहीं होना चाहिए।
आप अपने खान – पान और अच्‍छे पोषण पर ध्‍यान दीजिए, बाकी प्रकृति अपना काम करती रहेगी।

  • पांचवे महीने में बच्‍चे का आकार ।

आइये जानते है ,की 5 महीने में बच्चे का आकार कितना हो जाता है।आपका बच्‍चा पांचवे महीने में 8 से 12 इंच के बीज लंबाई का हो जाता है । और इस का वजन भी 300 से 450 ग्राम के आसपास होता है। उसकी मांसपेशियां और हड्डियां धीरे-धीरे मजबूत होने लग जाती हैं। उसके भौहें, पलकें, बरौनियां, कान, नाखून सब बन चुके हैं। उसके चेहरे की आकृति सामान्‍य हो चुकी होती है। आपको हैरानी होगी, कि वह अपने चेहरे पर भावों को ला सकता है। 5 महीने में ये सब आप का बच्चा आकार ले चुका होता है।

  • 5 महीने में बच्‍चा पेट में हलचल करने लगा है ।

बच्‍चा इस समय अपने शरीर को धीरे-धीरे प्रयोग में करने लगता है, वह अपने शरीर को स्‍ट्रैच करता है, अंगडाई लेता है, आंखें खोलने की कोशिश करता है, अपना अंगूठा चूसता है ,और कभी-कभी पेट के अंदर से किक भी मारता है। उसके कान विकसित हो चुके हैं। इसलिए उसे बाहर की आवाजें भी सुनाई देती हो । आप चाहे तो उससे बातें करने की कोशिश कर सकते हैं, हो सकता हैं! कि वह आपकी आवाज पर कोई प्रतिक्रिया भी दें, तो ये सब 5 महीने में एक माँ को अपने बच्चे में देखने को मिल जाता है।

बच्चा पैदा करने के लिए कितने दिन करना पड़ता है।

बच्चा पैदा करने के लिए कितनी बार संभोग करना चाहिए। इसके बारे में आज हम आपको बताएंगे, तो यह चलिए जान लेते हैं! बच्चा पैदा करने के लिए कितने दिन तक संभोग करना चाहिए। एक्सपर्ट की मानें तो प्रेग्नेंट होने के लिए हर हफ्ते में चार से पांच बार संभोग करना चाहिए। तथा जिन पुरुषों का स्मर्प नॉर्मल होता है । उनको अपने पार्टनर के साथ में एक दिन छोड़ 1 दिन संभोग करना चाहिए। ताकि वह जल्दी प्रेग्नेंट हो सकें।दोस्तों, अब तो आप समझ ही गए होंगे , कि बच्चा पैदा करने के लिए कितने दिन तक संभोग कर सकते हैं।

बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए।

बच्चा पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए। और किस प्रकार से हफ्ते में कितनी बार करना चाहिए। इन सब की जानकारी आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से आपको देंगे, क्या आप भी सही जानकारी प्राप्त करके गर्भधारण सही समय पर वह सही तरीके से कर पाए तो चलिये जान देते हैं। बच्चा पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए के बारे में विस्तार से जानते है। बच्चा पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए। स्पर्म की बेहतर सप्लाई के लिए हफ्ते में तीन से चार बार करना उचित होता है। तीन और चार दिनों तक स्पर्म जिंदा रहते हैं, इसलिए नियमित सेक्स नियत सप्लाई को सुनिश्चित करते हैं। और बच्चे की संभावना प्रबल ही जाती है।

अगर कोई महिला बच्चा पैदा करना चाहती है, तो उसे यह समझना जरूरी है। कि सम्भोग कितनी बार कब और कैसे करना चाहिए, और किन बातों को ध्यान में रखकर करना चाहिए। आइए, जानते है इस बारे में।

डॉक्टर (doctor)का कहना हैं, कि प्रेग्नेंट होने यानि की बच्चा पैदा करने के लिए महिला के लिए हर महीने एक हफ्ता सबसे खास होता है। इसे पीरियड(piriyd) सर्कल का फर्टाइल विंडो कहा जाता है। जो महिला के आवुलेट होने से दो से तीन दिन पहले शुरू हो जाता है। अगर कोई महिला प्रेग्नेंट होना चाहती है, बच्चे की चाहत रखती है ,उन के लिए ये टाइम(time) बहुत अच्छा हैं। तो उसके लिए ये समय सबसे सही होता है। ओवुलेशन के पांच दिन पहले और उस दिन नियमित रूप से करने से कंसीव करने की संभावना अधिक रहती है। ओवुलेशन वो प्रक्रिया है, जिसमें अंडाशय से मैच्योर अंडा निकलता है। अंडा रिलीज होने के बाद, अंडा फैलोपियन ट्यूब से नीचे चला जाता है। और वहां 12 से 24 घंटे तक रहता है। इस तरीके से अंडे को फर्टिलाइज किया जा सकता है। करने के पांच दिन बाद तक स्पर्म जिंदा रहता है। सम्भोग के बाद में ओवुलेशन के दौरान फैलोपियन ट्यूब में जीवित स्पर्म मौजूद होने पर प्रेग्नेंट होने की संभावना सबसे अधिक होती है। ऐसे में बच्चा पैदा करने के लिए इस अवधि में करना चाहिए। लेकिन हम आप को बता दे, की हर महिला का ओवुलेशन पीरियड अलग-अलग हो सकता है।

कंसीव करने की प्रकिया उन कपल्स में अधिक होती है, जो प्रतिदिन या हर दूसरे दिन सम्भोग करते हैं। यदि हर दिन करना संभव नहीं है, तो ओवुलेशन के समय के करीब करें।
किसी महिला के लिए यह समझना मुश्किल हो रहा है, कि उसका ओवुलेशन टाइम कब शुरू होता है। तो ये पीरियड खत्म होने के बाद सप्ताह में हर 2 से 3 दिन करना चाहिए। इस कारण अंडे के फर्टिलाइज होने की संभावना सबसे अधिक रहती हैं, तो अब आप समझ गए होंगे, कि बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना चाहिए, और किस प्रकार से करना चाहिए।

गर्भधारण क्यों नहीं होता।

गर्भधारण क्यों नहीं होता अगर आप नहीं जानते हैं,तो आज हम आपको यह बताएंगे , कि गर्भधारण क्यों नहीं होता है, इसकी क्या वजह हैं! जिसके कारण से गर्भधारण नहीं होता। ऐसी बहुत सी महिलाएं होती हैं। जिनको गर्भधारण नहीं होने की समस्या होती है। इस कारण से वह अधिक परेशान रहती हैं, तो चलिए जान लेते हैं! उन कारणों के बारे में ताकि आप भी इन सभी समस्याओं का सामना आसानी से कर सकें। आपको यह जानकर हैरानी होगी, कि पर्यावरण प्रदूषण के कारण भी हमारे शरीर पर बहुत अधिक बुरा प्रभाव पड़ता है । पर्यावरणीय प्रदूषण महिलाओं और पुरुषों की फर्टिलिटी पर बहुत बुरा असर डालता है। धूम्रपान, कार्सिनोजन या सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने से गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है। महिलाओं को धूम्रपान बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इन सब के साथ – साथ उम्र का भी इस पर प्रभाव पड़ता है।

pregnant kb hote h.

pregnant kb hote h . इसके बारे मे विस्तार से बताएंगे! तो यह चलिए जान लेते हैं , मां बनना एक बहुत ही सुखद एहसास होता है। क्योंकि जब कोई महिला मां बनती है, तो वो एक अलग ही दुनिया में चली जाती है। अगर कोई महिला प्रेग्नेंट होने के बारे में सोच रही है, तो उसे पहले मेन्स्ट्रूअल साइकल को ध्यान से देखना होगा। क्योंकि प्रेग्नेंसी से जुड़ी कई समस्याओं का जवाब है , “ओवुलेशन” महिला के अंडाशय से अंडे के बाहर निकलने को ओवुलेशन कहा जाता है। ओवुलेशन पीरियड में इस प्रक्रिया से महिला हर महीने गुजरती है। महिला के शरीर से निकले अंडे इस पीरियड में पुरुष के वीर्य (शुक्राणु) से मिलने के लिए तैयार होते हैं। यही समय है, जब महिला के शरीर से सबसे ज्यादा फर्टिलाइज होता है, यानी इस दौरान संभोग करने से आसानी से गर्भधारण कर सकती हैं। अगर कोई महिला मां नहीं बनना चाहती है, तो आप संभोग नही करे, ताकि आप गर्भधारण से बचा सकती है।

प्रेग्नेंट होने के लिए ओवुलेशन का समय।

प्रेग्नेंट होने के लिए ओवुलेशन का समय। प्रेग्नेंट होने के लिए पीरियड्स के बाद के 5 दिन और ओव्यूलेशन वाला दिन भी शामिल होता है। यदि आप गर्भधारण करने की सोच रहे हैं, तो आपको हफ्ते में दो या तीन बार संभोग करने की सलाह दी जाती है। पीरियड के बीच में प्रेग्नेंट होने के चांस कुछ दिनों बाद तक पाए जाते हैं।
प्रेग्नेंट होने के लिए ओवुलेशन पीरियड का खास ध्यान रखना चाहिए । क्योंकि अलग अलग महिलाओं के लिए यह समय अलग-अलग होता है। 28 दिनों के मासिक धर्म चक्र में 14 वें दिन के आसपास होता है। लेकिन जरूरी नहीं कि सभी महिलाओं के मासिक धर्म की अवधि 28 दिन हो। बच्चे पैदा करने वाली उम्र में अधिकांश महिलाओं का मासिक धर्म चक्र 28 से 32 दिनों के बीच रह सकता है। ओवुलेशन आमतौर पर उस चक्र के 10 वें और 19 वें दिन के बीच होता है। अगली मासिक धर्म अवधि से लेकर आप लगभग 12 या 16 दिनों से पहले।

ओवुलेशन पीरियड में संभोग की इच्छा अन्य दिनों की तुलना में कई गुना बढ़ जाती है। जल्दी प्रेग्नेंसी के लिए ओवुलेशन पीरियड का ध्यान रखें। अंडाशय से निकलने के बाद लगभग 24 से 36 घंटे तक अंडा जीवित रहता है। अगर इस दौरान संभोग किया जाए , तो प्रेग्नेंसी की संभावना बहुत बढ़ जाती है। महिला के अंडाशय से अगर दो अंडे बाहर आते हैं , तो जुड़वां बच्चे होने की संभावना हो जाती है। ओवुलेशन पीरियड मासिक धर्म के पूरे होने के सात दिन बाद शुरू होता हैं, तो आप इस प्रकार से प्रेग्नेंट हो सकती हैं, हमारे द्वारा बताई गई सभी बातों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और समझ कर आप आसानी से प्रेग्नेंट हो सकती हैं।

बच्चे कितने महीने में पैदा होते हैं।

बच्चा कितने दिन में होता : बच्चे कितने महीने में पैदा होते हैं। अगर आप इन सब के बारे में नहीं जानते हैं, तो आप हम आपको इस लेख के माध्यम से यह बताएंगे । कि बच्चे कितने महीने में पैदा होते हैं, तो आइए चलिए जान लेते हैं। उन सब के बारे में विस्तार पूर्वक। बच्चा करने वाली मां के लिए उनकी सलाह है, कि अमूमन बच्चा 37 हफ़्ते (259 दिन) से लेकर 42 हफ़्ते (294 दिन) के बीच में होता है। तो आप समझ गए होंगे की बच्चा कितने महीने में होता है। और सब औरत 9 महीने में ही बच्चा पैदा करती है। कई बार 8 महीने में भी हो जाता है, किसी किसी महिला को तो कोई परेशानी की बात नही है। लेकिन 7 वे महीने में जन्मे बच्चे जिन्दा नही रह पाते है । तो बच्चा पैदा करने का सही समय है, 9 महीने ।

15 days pregnancy symptoms in hindi.

प्रेगनेंसी में ऐसी कौन सी सिम्टम्स दिखाई देते हैं। जिनकी मदद से आप यह पता लगा सके, कि आप प्रेग्नेंट है, या नहीं तो चलिए जानते हैं। 15 दिन में प्रेग्नेंट (symptoms) का कैसे पता लगाएं। कि आप प्रेग्नेंट है ,या नहीं तो आइए जान लेते हैं । कुछ ऐसे ही सिम्टम्स इन हिंदी के बारे में ताकि आप इन सब के बारे में जानकर आसानी से पता लगा पाएंगे। कि 15 दिन की प्रेगनेंसी में कौन-कौन से सिम्टम्स देखने को मिलते हैं, तो आइए शुरू करते हैं।
महिलाओं के लिए यह बहुत ही अधिक समस्या है। ऐसे में गर्भ ठहरने के 15 दिन के बीच जब शरीर में बदलाव नहीं दिखते हैं। तब इन (symptoms) की मदद से यह पता लगाया जा सकता है, कि प्रेगनेंसी है, या नहीं। हालांकि प्रेगनेंसी (pregnancy)(symptoms) के आधार पर पहचाने की बजाय टेस्ट करना ही बेहतर है, तो चलिए जानते हैं, प्रेगनेंसी के कुछ (symptoms) के बारे में।

1) pregnancy में सब से पहले पीरियड मिस होता है, ये एक प्रमुख (symptoms) है।

2) गर्भ धारण करने के पहले हफ्ते से ही बहुत अधिक थकान होना, खासतौर पर सुबह के समय थकान, एक प्रमुख (symptoms) है।

3) ब्रेस्ट में बदलाव में भी बदलाव देखने को मिलता है,क्यों की ब्रेस्ट का रंग चेंज होता है, थोड़ी भारी हो जाती है ये भी प्रेग्नेंसी का (symptoms) है।

4) जी मचलना और उल्टियां होना एक बहुत ही सामान्य लक्षण है, जिसे अक्सर कई लोग मॉर्निंग सिकनेस कह कर टाल देते है, लेकिन यह संकेत आपके गर्भवती होने की तरफ एक इशारा भी हो सकता है। एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में वृद्धि के कारण, आप हर दिन सुबह उठने के बाद ऐसा फील कर सकती हैं। जरूरी नहीं कि यह उल्टी सुबह ही हो। यह कभी भी किसी भी (time) हो सकती है। दिन में कई दफा आप उल्टी जैसा महसूस कर सकती हैं, और पूरी गर्भवस्था के दौरान आपको इस तकलीफ से गुजरना पड़ सकता है।

5) पाचन से संबंधी समस्याएं होना हो जाती है।

6) पसंद बदलना जाना।

7) सूजन।

8) पेट के साइड में दर्द होना।

9) नाक से खून आना।

10) पेट फूलने और कब्‍ज।

11) ब्रेस्‍ट में दर्द।

12) पैरों में ऐंठन।

13) गर्मी लगना।

14) चक्‍कर आना।

15) पेशाब में इंफेक्‍शन की शिकायत होना है।

ये सभी (symptoms) को जान कर आप आसानी से पता लगा सकती है।

shadi ke kitne din baad pregnant hona chahiye.

pregnancy kab hoti hai in hindi : आज हम आपको शादी कितने दिन के बाद प्रेग्नेंट होना चाहिए। इस बारे में बताएंगे ,तो चलिए यह जान लेते हैं। बच्चा करने की एक सही उम्र होती है। सही उम्र में शादी और सही उम्र में ही मां बनने का सुख इन दोनों बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ज्यादा उम्र में मां बनने की कई(complications) होते हैं, और कई बार तो मां बनने में भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मां बनने के लिए सही उम्र 22 से 25 होती है। क्योंकि इस समय आपके शरीर में सारी रासायनिक क्रियाओं का स्तर चरम पर होता है । जैसे – जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती हैं। आपके हार्मोन का स्तर भी उतर जाता है ।आपकी ओवरी से रिलीज हो रिलीज किए जाने वाले अंडे की क्वालिटी(quality) भी धीरे-धीरे कम होने लगती है, इस कारण आपको (miscarriage) इसमें भी थर्ड डिफेक्ट (premature) डिलीवरी जैसी गंभीर समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है । उम्र के साथ आपके पार्टनर के स्पर्म की क्वालिटी (quality) भी कम होती जाती है। उनके शरीर में भी हार्मोन का स्तर गिरता जाता है, ज्यादा उम्र में मां बनने पर आपको बिल्डिंग शरीर में सूजन प्राइवेट पार्ट्स में समस्या आदि स्थिति से गुजरना पड़ता है। इसलिए सही समय पर सही निर्णय लेकर बच्चा करना चाहिए। ताकि आप और बच्चे दोनों सुरक्षित रह सकें।

pregnancy care tips first 3 months in hindi.

pregnancy care tips first 3 months के बारे में जानना चाहते हैं। तो आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे, जिस को जानकर आप अपने बच्चे का और खुद का ख्याल रख सकती है। एक मां(maa) अपने बच्चे के लिए कुछ भी कर सकती हैं, और जब उसको यह पता होता है। कि वह प्रेग्नेंट है। तो वह अपने बच्चे का क्या ख्याल सबसे अधिक रखती है, तो आइए जान लेते हैं। pregnancy care tips first 3 months in hindi के बारे में विस्तार से।

1) प्रेग्नेंसी (pregnancy) में पहले तीन महीने बहुत ही खास होते हैं। ऐसे में जरा सी लापरवाही आपके साथ साथ बच्चे के लिए भी खतरनाक हो सकती है। ऐसे में खानपान से लेकर चेकअप का खास ध्यान रखना चाहिए।

2) प्रेग्नेंसी(pregnancy) में महिलाओं के शरीर में काफी बदलाव आते हैं, जिनके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं होती है। जरूरी नहीं कि सभी गर्भवती महिलओं में एक जैसे बदलाव होते हों , ये अलग-अलग तरह के भी हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी के इन नौ महीनों की गिनती आखिरी पीरियड्स के पहले दिन से की जाती है।

3) प्रेग्नेंसी(pregnancy) के पहले 3 महीने होते हैं बहुत ही खास, खानपान से लेकर रूटीन चेकअप हर एक चीज़ का रखें ध्यान

4) शुरू के 3 महीने में भ्रूण का विकास होता है। और वह मानव भ्रूण का आकार लेने लगता है। इस दौरान डॉक्टर(doctor) से पूछे बिना कोई भी दवा नही लेनी चाहिए खतरनाक हो सकती है, इस समय में फोलिक एसिड के अलावा किसी दूसरी दावा नही लेनी चाहिए । आप के लिए और बच्चे के लिए खतरनाक हो सकती है।

pregnancy care tips first 3 months होने वाले बदलाव।

पहले के इन 3 महीनो में जी मिचलाने, घबराहट, थकावट और उल्टी होने जैसी शिकायतें आम होती हैं। ये तीन माह पूरे होते ही अपने आप ठीक हो जाती हैं।
ब्रेस्ट का आकार बढ जाता है। ब्रेस्ट को छूने पर दर्द भी होता है।
इन 3 महीनो में ब्लड प्रेशर लो होता है, और पल्स रेट बढ जाती है।
मॉर्निग सिकनेस गर्भधारण के तीन सप्ताह के भीतर शुरू हो जाती है। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ जाता है ,भोजन धीमी गति से पचने के कारण स्त्रियों को उल्टी जैसी समस्या होती है। और ऐसा सुबह के समय होता है।
इन 3 महीनो में बार-बार यूरिन जाना पड़ता है। इस लिए चाय-कॉफी की मात्रा कम कर दें।
गर्भावस्था के दौरान हॉर्मोन प्रोजेस्टेरोन का स्तर चढता है, जिससे नींद अधिक आती है।
इस लिए ब्लड शुगर स्तर को कम और निम्न रक्तचाप के कारण थकान हो सकती है। इसलिए आराम जरूर करें। अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में आयरन और प्रोटीन लें।
pregnancy care tips first 3 months सावधानियां :-

  • हर 15 दिन में डॉक्टर से अपना चेकअप कराएं।
  • इन दिनों लंबे समय तक खाली पेट न रहें। थोडे-थोडे अंतराल पर कुछ-कुछ खाती रहें।
  • इन दिनों फल, नारियल पानी या ग्लूकोज मिला पानी आदि लेती रहें। अधिक मिर्च और तैलीय चीज नही खाये।
  • हील्स न पहनें। भीड-भाड में न जाएं।
  • कामकाजी हैं ,तो सफर में झटके और गड्ढों वाली जगह जाने से बचें।

jaldi pregnant hone ke liye kya kare.

हर कोई चाहता है, कि शादी के बाद जल्दी से एक नन्हे मुन्ने बच्चे को जन्म दिया जाए । लेकिन कई महिलाएं कई कारणों की वजह से यानि की कई दिक्कतों की वजह से वह प्रेगनेंसी(pregnancy) कैरी नहीं कर पाती हैं । और अगर कोई महिला गर्भधारण करने की कोशिश कर रही है, फिर भी वह प्रेग्नेंट (pregnant) नहीं हो पा रही है। तो आपको कुछ भी बदलाव करके या कुछ ऐसे हमारे द्वारा बताए गए तरीकों को अपनाकर आप जल्दी प्रेग्नेंट हो सकती हैं, तो आइये जान लेते हैं ! उन तरीकों के बारे में जो आपको जल्दी ही प्रेगनेंसी(pregnancy) धारण करने के लिए काफी लाभदायक है।

jaldi pregnant hone के टिप्स :-

  1. पहली प्रेग्नेंसी को अबॉर्ट न करें।

कभी भी भूल से भी अपनी पहली प्रेग्नेंसी को खत्म न करें। ऐसी गलतियां नवविवाहित कर डालते हैं, औऱ फिर उन्हें गर्भधारण के लिए काफी प्रयास करने पड़ते हैं। दरअसल पहली प्रेग्नेंसी (pregnancy) ही आपके फर्टिलाइजेशन को समृद्ध करती है। पहली प्रेग्नेंसी(pregnancy) को ही अगर अबॉर्शन के जरिए खत्म करवा दिया गया हो तो काफी दिक्कते बढ़ जाती हैं।

  1. ऑवुलेशन पीरियड पर नजर रखें।

अगर आप जल्दी से प्रेग्नेंट (pregnant) होने चाहती है, तो ऑवुलेशन पीरियड का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
पीरियड्स से दो हफ्ते पहले का समय महिला के ऑवुलेशन का समय होता है। इस समय गर्भधारण करने का प्रयास करें। डॉक्टर( doctor) का कहना हैं, कि ओवेलुशन पीरियड में गर्भधारण के चांस 60 से 70 फीसदी होते हैं। इस दौरान किए गए प्रयास के रिजल्ट में कंसीव करने की संभावना काफी बढ़ जाती है। और आप जल्दी प्रग्नेंट हो सकती है।

  1. सेहतमंद आहार।

जल्दी प्रेग्नेंट (pregnant)होने के लिए सेहतमंद आहार खाएं और खान पान पर पूरा ध्यान दें। आयरन( iron )और केल्शियन(calcium) की कमी के चलते कंसीव होने के चांस खत्म होते हैं। क्योंकि फर्टिलाइजेशन प्रॉपर डाइट से जुड़ा होता है। महिला खुश रहे और अच्छा खाना खाए तो प्रेग्नेंसी के चांस 30 फीसदी बढ़ जाते हैं।

  1. नशा नही करे।

नए जमाने की लड़कियां नशा करती है, जैसे की लड़कियां भी सिगरेट और शराब पीती हैं। लेकिन यही आदत गर्भधारण में दिक्कत पैदा करती है। दरअसल सिगरेट और शराब का सेवन प्रजनन क्षमता को घटाता है और इसका सीधा असर ऑवुलेशन पर पड़ता है। लगातार सिगरट और शराब का सेवन करने से फर्टिलिटी पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

  1. तनाव से दूर रहे।

आज के जमाने में तनाव प्रेग्नेंसी (pregnancy) का सबसे बड़ा कारण है। तनाव के कारण प्रेग्नेंसी की संभावना खत्म हो जाती है। इसलिए जल्दी प्रेग्नेंट (pregnant)होना चाहती हैं, तो सबसे पहले तनाव मुक्त रहे औऱ तनाव को अपने से दूर कर दें। और हेल्दी खाना खाये । नियमित तौर पर व्यायाम (vyayam) करने से भी तनाव कम होता है।

  1. वजन को कंट्रोल करें।

मोटापे के कारण लाखों महिलाएं मां बनने का सुख नहीं भोग पाती, क्योंकि ओवरवेट के चलते उनके फेलोपियन ट्यूब और ओवरी के बंद होने की आशंका बढ़ जाती है। मोटापे के चलते कई महिलाओं की बच्चेदानी में सिस्ट तक हो जाते हैं। इसलिए जल्दी प्रेग्नेंसी करने के लिए वजन पर कंट्रोल करें, यानि की कम करे।

  1. नियमित माहवारी चक्र।

जल्दी गर्भवती होने के लिए जरूरी है, कि आपके पीरियड्स का (time) सही हो । अगर सही तारीख से पहले या कुछ दिन बाद न हो, अगर पीरियड्स रेगुलर नहीं हो , तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और इलाज करवाएं। जल्दी प्रेग्नेंट (pregnant) होने के लिए पीरियड्स का नियमित होना सबसे जरूरी है।

  1. सही उम्र में प्रग्नेंट होना।

प्रेग्नेंट के लिए डाक्टर 18 से 28 साल के बीच सही उम्र बताते हैं। इस उम्र के बीच की महिलाओं की शादी के बाद गर्भधारण की संभावना काफी रहती है। क्योंकि इस उम्र में फर्टिलाइजेन ज्यादा होता है। 25 साल की महिला की तुलना में 35 साल की महिला को प्रेग्नेंट(pregnant) होने के 50 फीसदी कम चांस होते हैं। इसलिए अपनी उम्र का विशेष ध्यान रखना चाहिए , अगर उम्र ज्यादा हो रही है। तो डाक्टर से परामर्श लें।

प्रेगनेंसी में पेट कब निकलता है।

प्रेगनेंसी में पेट कब निकलता है। अगर नही जानती है, तो चलिए जान लेते है। प्रेगनेंसी में पेट कब निकलता है, कंसीव करने के बाद में इसी महीने से लेकर दिखना शुरू होता जाता है।
प्रेगनेंसी (pregnancy) में मां (maa)बनने पर पेट 84 से 112 दिन में निकलता है । जब भी कोई महिला प्रेग्नेंट होती है, तब प्रेग्नेंट होने के 12 से 16 सप्ताह के बीच के दिनों में महिला के पेट निकलना शुरू हो जाता है । जब गर्भवती महिला की प्रेगनेंसी (pregnancy) 12 से 16 सप्ताह कि हो जाती है। तब गर्भवती महिला का पेट निकलना शुरू हो जाता है। प्रेगनेंसी (pregnancy) में पेट दूसरी तिमाही में निकलता है ।

प्रेगनेंसी में पेट कौन से महीने में निकलता है।

प्रेगनेंसी में पेट कौन से महीने में निकलता है। आज हम आप को इन सब की जानकारी देंगे। तो चलिए जान लेते है। प्रेगनेंसी में पेट ढाई महीने से 112 दिन में निकलता है । महिला के प्रेग्नेंट होने के बाद महिला की प्रेगनेंसी 3 महीने से 4 महीने की हो जाती है , तब गर्भवती महिला का पेट निकलना शुरू हो जाता है यानि की पेट दिखना शुरू हो जाता है । प्रेगनेंसी के 3 से 4 महीने बाद यदि किसी प्रेग्नेंट(pregnant) महिला को देखेंगे। तो उनका पेट बाहर निकल जाएगा और पेट साफ साफ दिखने लगेगा । जिससे देख कर आप कह सकते हैं, कि महिला प्रेग्नेंट(pregnant) है ।

प्रेगनेंसी में पेट कब दिखता है।

आज हम यह जानेंगे, की प्रेगनेंसी(pregnancy) में पेट कब दिखता है, तो यह जान लेते हैं। प्रेगनेंसी के बारे में विस्तार से। प्रेगनेंसी(pregnancy) के समय बॉडी में बहुत से बदलाव आते हैं, और साथ ही बहुत सी परेशानियां भी होती है। लेकिन फिर भी महिला के मन में केवल शिशु को लेकर ही सवाल घूमते रहते हैं, जैसे की शिशु का गर्भ में विकास कैसे हो रहा है, शिशु अब क्या कर रहा होगा, शिशु गर्भ में कब हलचल करना शुरू करेगा, और पेट कब दिखाई देने लगेगा, आदि। खासकर जो महिलाएं पहली बार माँ बनने वाली होती है। वो अपने बच्चे के प्रति ज्यादा उत्साहित रहती है, ऐसे में कुछ महिलाएं तो अपने पेट का साइज देखती रहती है। लेकिन प्रेगनेंसी(pregnancy) के पहले तीन महीने में पेट दिखाई नहीं देता है। केवल बॉडी में होने वाले बदलाव ही आप महसूस कर सकते हैं। फिर प्रेगनेंसी (pregnancy) के दौरान चौथे महीने के दौरान महिला का हल्का सा पेट निकलने लगता है, और यदि महिला खुले कपड़े पहनती हैं।

तो उसमे महसूस नहीं होता है। क्योंकि शिशु के अंग पूरी तरह से विकसित नही हो रहे होते है, न ही उसका वजन बहुत बढ़ा होता है। जिससे पेट का आकार बढे। उसके बाद पांचवे महीने से लेकर नौवें महीने तक आप देखेंगी ,की आपके पेट का साइज बढ़ने लगता है। क्योंकि अब शिशु का शारीरिक विकास होना शुरू हो चूका होता है। क्योंकि गर्भ में शिशु पांचवे महीने में थोड़ी हलचल करने लगता है। और पांचवे महीने में शिशु के अंगो का विकास हो चूका होता है, और अब माँ के गर्भ में उसका आकार बढ़ने लगता है, धीरे धीरे उसका वजन बढ़ने लगता है। जिसके कारण गर्भाशय की मांसपेशियों में खिंचाव होता है, और उसका आकार बढ़ने लगता है। जिसके कारण पेट का साइज थोड़ा- थोड़ा बढ़ता हुआ दिखाई देता है। और छठे महीने में महिला के पेट को देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है। की महिला प्रेग्नेंट हैं, उसके बाद नौवें महीने तक महिला का पेट पूरा दिखाई देने लगता है।

यह आर्टिकल आपकी हेल्थ से संबंधित किसी भी प्रकार का दावा नहीं करता हैं। यदि आपको अपने शरीर में किसी प्रकार के साइड- इफेक्ट देखने को मिलते हैं, तो इसके लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे। ऐसे में हमारा आपसे यही निवेदन हैं, कि आप इसका जब किसी चीज का उपयोग (use) करें, तो डॉक्टर की परामर्श से ही करें।

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