You are currently viewing प्रेगनेंसी में बेबी का राइट साइड में होना। प्रेगनेंसी में बेबी किस साइड होता हैं। pregnancy mein kya hota hai.
प्रेगनेंसी में बेबी का राइट साइड में होना। प्रेगनेंसी में बेबी किस साइड होता हैं। pregnancy mein kya hota hai.

प्रेगनेंसी में बेबी का राइट साइड में होना। प्रेगनेंसी में बेबी किस साइड होता हैं। pregnancy mein kya hota hai.

प्रेगनेंसी में बेबी का राइट साइड में होना। प्रेगनेंसी में बेबी किस साइड होता हैं। बच्चा पेट में कौन से महीने में घूमता हैं। गर्भ में बच्चा किस साइड रहता हैं। पेट में बच्चा ना घूमने का कारण। प्रेगनेंसी में बच्चा नीचे हो तो क्या करना चाहिए। pregnancy mein kya hota hai. baby konse month me movement karta hai.

प्रेगनेंसी में बेबी का राइट साइड में होना।

प्रेगनेंसी में बेबी का राइट साइड में होना। क्या आप जानते हैं, कि प्रेगनेंसी में बेबी का राइट साइड में होना, किन कारणों की वजह से होता हैं। अगर आप नहीं जानते हैं! कि ऐसा किस कारण से होता है, तो चलिए जानते हैं! इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी। यह तो आप सभी जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में कई ऐसे बदलाव अर्थात परिवर्तन होते हैं, जिसके कारण से शरीर पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता हैं। प्रेगनेंसी के दौरान महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा मूवमेंट करता रहता है। इसलिए कई बार महिलाओं को यह भी लगता है की ऐसा क्यों हो रहा है। यदि आप इस बात को लेकर परेशान हैं, की आपका बेबी (बच्चा) बायीं अथवा दायीं एक ही तरफ क्यों झुकता हैं, ऐसे में बच्चे का एक ही तरफ झुकने के पीछे यह कारण हो सकता हैं की जब बच्चा पहले सिर पर होता है तो उसके पास गर्भ में रहने के 2 तरीके हो सकते है। एक दाहिनी ओर या दूसरा बाईं ओर झुकना। तो बच्चे के लिए दाईं ओर झुकना पूरी तरह से सुरक्षित होता है। इसलिए वह आसानी से राइट साइड झुक जाते है यह उनके लिए आसान होता है। अगर बेबी पेट के दाहिनी ओर झुक रहा हैं, तो आपको कुछ करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।  क्योंकि प्रेगनेंसी में बेबी का राइट साइड में होना सामान्य है। इसमें प्रेगनेंसी में किसी तरह की कोई भी समस्या नहीं होती है। लेकिन यदि शिशु पेट के दाहिनी ओर नहीं झुक रहा है तो आप डॉक्टर से बातचीत कर सकते हैं। साथ ही गर्भ के भीतर भ्रूण की गतिविधि जानने के लिए सोनोग्राफी अवश्य करवाएं।

प्रेगनेंसी में बेबी किस साइड होता हैं।

प्रेगनेंसी में बेबी किस साइड होता हैं। क्या आप यह जानना चाहते हैं कि प्रेगनेंसी में बेबी किस साइड होता हैं तो आप हमारे द्वारा दी गई जानकारी के माध्यम से आसानी से जान सकते हैं कि नहीं प्रेगनेंसी में बेबी किस साइड होता हैं। तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से जानकारी । प्रेगनेंसी के दौरान बच्चा मां के पेट में पूरे 9 महीने में अपनी पोजिशन बदलता रहता हैं। इसलिए बेबी का कोई निश्चित पोजीशन नहीं होता हैं कि वह किस साइड हैं, क्योंकि बच्चे (बेबी ) का घूमना एक नेचुरल प्रोसेस होती हैैं, इसलिए वह गर्भ के अंदर घूमता रहता हैं वह एक जगह पर स्थित नहीं होता हैं। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता है कि प्रेगनेंसी में बेबी किस साइड होता हैं।

बच्चा पेट में कौन से महीने में घूमता हैं।

बच्चा पेट में कौन से महीने में घूमता हैं। अगर आप यह जानना चाहते हैं कि बच्चा पेट में कौन से महीने में घूमता हैं, तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर आई हैं क्योंकि इस वेबसाइट के माध्यम से आप इस सवाल का जवाब आसानी से जान सकते हैं तो चलिए जान लेते हैं बच्चा पेट में कौन से महीने में घूमता हैं। अक्सर अधिकांश लोगों के मन में यही सवाल रहता है कि उनका बच्चा पेट में कौन से महीने में घूमता शुरू करता है। गर्भावस्था के दौरान बच्चे का किक मारना , हिलना-डुलना, हिचकियां लेना व अन्य कोई भी मूवमेंट प्रत्येक मां के लिए एक खूबसूरत अहसास हैं। गर्भावस्था के दौरान लगभग 20 सप्ताह से 22वें सप्ताह के बीच बच्चा पेट में घूमता है। पहली गर्भावस्था में बच्चा पेट में घूमने में लगभग 20 सप्ताह तक लग सकते है। लेकिन दूसरी गर्भावस्था में लगभग 17 सप्ताह में ही आप इस स्थिति को महसूस कर सकते हैं। साथ ही 20 वें से 30वें सप्‍ताह के बीच बच्‍चे का किक मारना अधिक तेज हो जाता हैं।

गर्भ में बच्चा किस साइड रहता हैं।

गर्भ में बच्चा किस साइड रहता हैं। यदि आप यह जानना चाहते हैं तो आप हमारे साथ द्वारा दी गई जानकारी के माध्यम से यह आसानी से जान सकते हैं कि गर्भ में बच्चा किस साइड रहता हैं,तो आइए जान लेते हैं इसके बारे में संपूर्ण जानकारी । यह तो आप सभी जानते हैं कि मां बनाना हर लड़की का सपना होता है , फिर चाहे बच्चा लड़का पैदा या फिर लड़की। लेकिन अधिकांश लोगों के मन में बेटा या बेटी होने को लेकर मन में कई सवाल आते रहते हैं कि जन्म लेने वाला बच्चा लड़का हैं अथवा लड़की।

  1. यदि किसी महिला के हाथ सुंदर दिखने लगते और हथेली मुलायम हो जाती हैं, तो यह लड़की होने का संकेत होता है। क्योंकि माना जाता हैं, कि लड़कियां सौम्यता को बढ़ाती हैं। जिसके प्रभाव से गर्भवती स्त्री की सुंदरता बढ़ जाती है।
  2. मां की कोख में लड़का है या फिर लड़की, इस बात को जांचने का सबसे अासान तरीका यह हैं, महिला के पेट का आकार। अगर गर्भवती महिला के पेट का निचला हिस्सा फूला हुआ और उभरा हुआ हैं,तो यह गर्भ में लड़के के होने का संकेत होता हैं ।
  3. यदि किसी महिला के गर्भ में लड़का पल रहा हैं, तो उस औरत के पैर ठंडे रहते और बाल झड़ने लगते हैं व साथ ही महिला का मूड भी हमेशा बदलता रहता है।
  4. गर्भ में लड़का है या फिर लड़की इसे जांचने का एक बेहतरीन तरीका है बेकिंग सोडा। इसका प्रयोग करने के लिए गर्भवती महिला सुबह उठते ही अपने सबसे पहले यूरीन को किसी बाउल में रख दें। अब उसमें एक चम्मच बेकिंग सोडा डालें। अगर ऐसा करने पर यूरीन में से झाग न निकलें तो समझ लेना चाहिए कि कोख में लड़का है।
  5. वह महिलाएं जो गर्भावस्था के दौरान बाईं करवट लेकर सोना अधिक पसंद करती हैं, तो समझ जाना चाहिए कि कोख में लड़का हैं,व साथ ही स्त्री के सिर में भी काफी दर्द रहता है।

पेट में बच्चा ना घूमने का कारण।

पेट में बच्चा ना घूमने का कारण। यदि आप यह जानना चाहते हैं कि पेट में बच्चा ना घूमने का कारण क्या हैं? तो आज हम आपको इसके बारे में जानकारी प्रदान करेंगे तो आइए देखते हैं! पेट में बच्चा ना घूमने का कारण क्या-क्या हो सकते हैं इसके बारे में संपूर्ण जानकारी। पेट में बच्चा ना घूमने का कारण। हाई बीपी, हाई ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज, थायराइड, सूजन, या फिर कोई भी बैक्‍टीरियल इंफेक्‍शन,व कुछ अन्य वायरल या फिर अधिक उम्र में मां बनना व अन्य कई ऐसे कारण होते हैं,जो कि पेट में बच्चा ना घूमने का कारण होते हैं। अगर ऐसी स्थिति जब कभी भी बन जाए तो आप अपने चिकित्सक से अवश्य परामर्श लें ।

प्रेगनेंसी में बच्चा नीचे हो तो क्या करना चाहिए।

प्रेगनेंसी में बच्चा नीचे होना : डिलीवरी का सबसे सही पोजीशन नौंवे महीने में बच्‍चे का सिर नीचे जन्‍म नलिका की ओर तथा पैर ऊपर पेट की ओर आने होते हैं। ऐसे में यदि बच्‍चा नौंवे महीने में सही पोजीशन में आ जाए तो डिलीवरी के समय होने वाली कई तरह की समस्याओं से बचा जा सकता हैं। हालांकि, कई बार ऐसा भी हो जाता हैं कि बच्‍चा डिलीवरी के समय सही पोजीशन में नहीं आ पाता हैं और उसका सिर ऊपर की और तथा पैर नीचे की ओर होते हैं। गर्भ में बच्‍चे की इस पोजीशन को बच्‍चे का उल्‍टा होना या ब्रीच पोजीशन कहते हैं। डिलीवरी से पहले अगर पेट में बच्‍चा उल्‍टा हो जाए तो शिशु को सुरिक्षत बाहर निकालने और मां के शरीर को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो ऐसे में डॉक्‍टर कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।

प्रेगनेंसी में यदि गर्भ में बच्‍चा उल्‍टा हो जाए तो इस स्थिति में डिलीवरी ऑपरेशन से ही करवानी पड़ती है। उल्‍टे बच्‍चे का प्रसव करवाना आसान नहीं होता हैं। लेकिन आज के आधुनिक युग में ऑपरेशन ही इसका इलाज संभव है। लेकिन पुराने जमाने में दाई बच्‍चे का उल्‍टा होने पर भी बिना ऑपरेशन के सुरक्षित प्रसव करवा देती थीं।

  • उल्टे बच्चे (ब्रीच प्रेग्नेंसी) तीन प्रकार की होती हैं।
  1. फुटलिंग ब्रीच
    जब बच्चा गर्भ में अपने पैरों को क्रॉस करके बैठा हुआ दिखाई दे उसे फुटलिंग ब्रीच कहते हैं।
  2. फ्रैंक ब्रीच
    जब बच्चे का सिर एवं दोनों पैर ऊपर की ओर तथा कूल्हा नीचे की ओर रहता हैं, उसे फ्रैंक ब्रीच कहते हैं ।
  3. कंपलीट ब्रीच
    जब बच्चे के दोनों घुटने मुड़े हुए होते हैं, और उसके पैर एवं कूल्हे नीचे की ओर रहते हैं,उसे कंपलीट ब्रीच कहते हैं ।

प्रेगनेंसी में बच्चा कब घूमता हैं।

प्रेगनेंसी में बच्चा कब घूमता हैं। क्या आप जानना चाहते हैं, कि प्रेगनेंसी में बच्चा कब घूमता हैं, तो आइए जानते हैं! कि प्रेगनेंसी में बच्चा कब घूमता हैं। इसके बारे में संपूर्ण जानकारी। जब कभी भी कोई महिला प्रेगनेंट होती हैं,तो प्रेगनेंसी के दौरान बेबी का मूवमेंट करना व किक मारना बेबी के स्‍वस्‍थ और सुरक्षित होना का दर्शाता हैं। ऐसे तो बच्चा मां के गर्भ में अधिकांश समय सोता रहता हैं, लेकिन कुछ पल ऐसे भी होते हैं, जब बेबी किक मारता हैं।अधिकांश महिलाओं को अपने बच्चे की मूवमेंट प्रेग्‍नेंसी के 20 वें हफ्ते से गर्भावस्‍था के 22वें हफ्ते के बीच महसूस होती हैं। 30 – 32 सप्‍ताह का होने का भ्रूण आवाज सुनना शुरू कर देता हैं, और यादें भी बनाने लगता है। साथ ही वह गर्भ में मूव भी करता हैं, लेकिन 90 से 95 प्रतिशत समय बेबी सोता ही रहता है। लेकिन अधिकांश गर्भवती महिलाओं का मानना हैं, कि उनका शिशु रात के समय अधिक किक और मूवमेंट करता है।

baby konse month me movement karta hai.

baby konse month me movement karta hai. बेबी के मूवमेंट करने का पता प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में नहीं लगाया जा सकता हैं, तो आइए जानते हैं! कि बेबी कौन से महीने में मूवमेंट करता हैं (baby konse month me movement karta hai)। बेबी का मूवमेंट करने का महीना कौनसा होता हैं, आज हम आपको इस लेख के माध्यम से इसके बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। यदि आप इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप इस लेख को पूरा लास्ट तक जरूर पढ़ें। प्रत्येक महिला का गर्भवती होने का अहसास बेहद खास होता, जब उसे यह लगता है कि वह गर्भवती हैं। तब उसकी खुशियों का कोई ठिकाना नहीं रहता हैं । इसके अलावा दूसरा पल तब आता हैं जब उसे पहली बार गर्भ में पल रहें शिशु की हलचल महसूस होती है। कई गर्भवती महिलाएं तो शिशु की पहली हलचल को समझने में थोड़ा समय लग जाता है। अगर आप गर्भवती हैं,तो चलिए जानते हैं, baby konse month me movement karta hai.

गर्भावस्था के शुरूआती महीनों में baby की हलचल का गर्भवती महिला को अहसास नहीं होता हैं क्योंकि उस समय भ्रूण का आकार छोटा होता हैं महिलाओं को गर्भावस्था के 20वें सप्ताह से 22वें सप्ताह के बीच शिशु का हिलना-डुलना महसूस होता है। इसके बाद , 24वें सप्ताह से लगातार गर्भ में बच्चे का लात मारना गर्भवती महिला महसूस कर सकती हैं। ऐसा अक्सर (बेबी का लात मारना) रात के समय अधिक देखने को मिलता हैं।

pregnancy mein kya hota hai.

क्या आप जानते हैं कि प्रेगनेंसी में क्या होता हैं? (pregnancy mein kya hota hai) यदि आप नहीं जानते हैं तो आज हम आपको इसके बारे में पूरा विस्तारपूर्वक बताएंगे तो चलिए जान लेते हैं! pregnancy mein kya hota hai इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी। जब कभी कोई भी महिला प्रेगनेंट होती हैं, तब कई प्रकार के लक्षण नजर आते हैं। जैसे कि – उल्टी होना, बार पेशाब अाना, जी मिचलाना,थकान होना, सिर दर्द, आदि गर्भावस्था के शुरूआती लक्षण होते हैं, जो कि प्रेगनेंसी के दौरान जरूर देखने को मिलते हैं ।

  • उल्टी आना, जी मिचलना ।

यदि किसी महिला को बार-बार उल्टी हो तो समझ लेना चाहिए कि वह महिला प्रेग्नेंट है व साथ ही जी मचलने लगें तो इसका मतलब हैं, कि वह महिला प्रेग्नेंट हैं।

  • पेट में दर्द होना।

अधिकांश तौर पर आप ने देखा होगा कि प्रेग्नेंसी के समय पेट में दर्द उठता हैं, तथा इससे प्रेग्नेंट महिला को बहुत ज्यादा तकलीफ भी होती हैं। लेकिन यह प्रेग्नेंट होने का ही एक महत्वपूर्ण लक्षण माना गया है।

  • ब्‍लीडिंग ।

ब्‍लीडिंग प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों में से एक है। यह मासिक धर्म की तरह नहीं होता है। इसमें हल्‍की ब्‍लीडिंग होती हैं। इसमें खून का एक धब्‍बा या फिर गुलाबी रंग का स्राव होता है। यह कुछ घंटों या कुछ दिनों तक लगातार भी हो सकता है।

  • कमर में दर्द होना ।

अक्सर, आपने देखा होगा कि महिलाओं के प्रेग्नेंट होने पर कमर के अस्थि बंध खुल जाते हैं। जिसके कारण से प्रेग्नेंट महिला को कमर दर्द होने लगता है। कमर में दर्द होना भी प्रेग्नेंट होने का ही एक कारण हैं ।

  • मूड बदलना ।

प्रेग्नेंसी में अचानक महिलाओं के मूड में परिवर्तन आना भी गर्भावस्था का ही लक्षण है। ऐसा अक्सर प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक होता हैं। जो कि महिला
प्रेग्नेंट हैं इस बात को इंगित करता हैं।

  • सिरदर्द ।

ओवुलेशन के बाद प्रेग्नेंट महिलाओं के सिर में दर्द बना रहता है। यह प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनो के अंदर ज्यादा होता है। प्रेग्नेंसी के कारण शरीर में रक्त के स्तर में वृद्धि होने लगती हैं, और सिरदर्द होता है।  

गर्भावस्था में सफेद पानी आना क्या है?

दोस्तों क्या आप जानते हैं , कि गर्भावस्था में सफेद पानी क्या है? यदि आप नहीं जानते हैं तो आज हम आपको के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे तो आइए जानते हैं गर्भावस्था में सफेद पानी क्या है? इसके बारे में। गर्भावस्था में सफेद पानी आना क्या है? अगर आप यह जानना चाहते हैं कि गर्भावस्था में सफेद पानी आना क्या है? तो आज हम इसके बारे में विस्तार से चर्चा करेंगें की गर्भावस्था में सफेद पानी आना क्या हैं तो आइए देखते हैं, इसके बारे में जानकारी। गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी गर्भाशय ग्रीवा और योनि में बनने वाला एक तरल द्रव्य है, जो बैक्टीरिया एवं मृत कोशिकाओं को बाहर निकालने का कार्य करता हैं,व इसके अलावा यह महिला के प्रजनन अंगों को साफ रखने का कार्य करता हैं,व संक्रमण से बचाव करता है। यह स्राव गर्भावस्था के आखिरी समय में अधिक बढ़ सकता है। यदि यह सफेद रंग का हल्का या गाढ़ा चिपचिपा, हल्का गंध वाला व गंधहीन हो, तो यह सामान्य स्राव होता है, अर्थात चिंता का कारण नहीं है।

Leave a Reply